किसानों के लिए सबसे बड़ा काम जानकर हैरान रह जाएंगे
दोस्तों भारत में बार-बार हो रहे किसान आंदोलन और कर्ज में डूबे किसानों को देखकर लगता है कि भारत में कृषि का कोई भविष्य नहीं देश के किसानों का दावा है कि उनके साथ हमेशा से धोखा होता रहा है भारत में किसान होना एक अभिशाप हो गया है
इस कारण गांव के युवाओं का खेती से मोह भंग होता जा रहा है और वह पी के लिए शहरों का रुख कर रहे हैं लेकिन भारत में अब भी बहुत से लोग हैं जिनका सपना सिर्फ खेती करना होता है लेकिन भारत में नहीं बल्कि दूसरे देशों में जाकर क्योंकि भारत के मुकाबले दूसरे देशों में बहुत ही आधुनिक तरीके से की जाती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ सालों में शहरों में लोग अपनी जमीन का छोटा सा टुकड़ा बेचकर दूसरे देशों में सैकड़ों एकड़ के किसान बन रहे हैं दोस्तों यह कहानी पंजाब के किसानों की है यह लोग पंजाब में अपनी छोटे-छोटे प्लॉट बेच कर ऑस्ट्रेलिया में लैंडलॉर्ड बन गए उनके खेतों पर अब छोटे-मोटे ट्रैक्टर नहीं बल्कि सेटेलाइट की मदद से चलने वाली मशीनें काम करती हैं।
कीटनाशकों का छिड़काव भी हाथ से चलने वाली मशीनों के मुकाबले हवाई जहाज से होता है आपके पास भी अगर इन्वेस्ट करने के लिए ठीक-ठाक रकम है और खेती की जमीन खरीदने में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो ऑस्ट्रेलिया अजीत आपका इंतजार कर रहे हैं आइए हम आपको बताते हैं कि आप भारत से ऑस्ट्रेलिया तक का सफर कैसे पूरा कर सकते हैं ऑस्ट्रेलिया भारत से क्षेत्रफल में लगभग ढाई गुना है।
और जनसंख्या भारत के मुकाबले 7:00 फ़ीसदी है आपको बता दें ऑस्ट्रेलिया में लगभग 80 फ़ीसदी खेती योग्य जमीन खाली पड़ी है और खेती करने को किसान कम है ऐसे में ऑस्ट्रेलिया सरकार को चाहती है कि वहां इतनी बड़ी खाली पड़ी जमीन को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाए इस कारण सरकार बाकायदा वहां पर विदेशी किसानो को जमीनों की रजिस्ट्री करवा रही है ऑस्ट्रेलियन सरकार विदेशी किसानो को भी अपने नेटवर्क में शामिल कर हर्षवर्धन मैया करा रही है ऑस्ट्रेलियन सरकार की इस पहल को जानकार अब से करीब 7 साल पहले पंजाब से किसानों ने वहां जाना शुरू किया था।
सबसे पहले चंडीगढ़ निवासी तुम ही पिलानी शहर के पास दो करोड़ रूट प्लॉटर गांव की 2 एकड़ भूमि बेची थी इसे बेच कर भला परिवार ने ऑस्ट्रेलिया के किले के इलाके में 400 एकड़ जमीन खरीद कर खेती शुरू कर दी इसके बाद उन्होंने वहां और इन्वेस्ट किया और मौजूदा समय उनके पास ऑस्ट्रेलिया में 12 एकड़ खेती योग्य जमीन है तब से अब तक पंजाब और हरियाणा से तकरीबन 14000 किसानों ने ऑस्ट्रेलिया में जमीन खरीदी है
किसानों ने वहां पर 35000 प्रति एकड़ की दर से भूमि खरीदनी शुरू की थी हालांकि अब वहां भी एग्रीकल्चर लैंड के दामों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन भारत की तुलना में अभी वहां बहुत कम दाम है भारत के किसी भी.
इस कारण गांव के युवाओं का खेती से मोह भंग होता जा रहा है और वह पी के लिए शहरों का रुख कर रहे हैं लेकिन भारत में अब भी बहुत से लोग हैं जिनका सपना सिर्फ खेती करना होता है लेकिन भारत में नहीं बल्कि दूसरे देशों में जाकर क्योंकि भारत के मुकाबले दूसरे देशों में बहुत ही आधुनिक तरीके से की जाती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ सालों में शहरों में लोग अपनी जमीन का छोटा सा टुकड़ा बेचकर दूसरे देशों में सैकड़ों एकड़ के किसान बन रहे हैं दोस्तों यह कहानी पंजाब के किसानों की है यह लोग पंजाब में अपनी छोटे-छोटे प्लॉट बेच कर ऑस्ट्रेलिया में लैंडलॉर्ड बन गए उनके खेतों पर अब छोटे-मोटे ट्रैक्टर नहीं बल्कि सेटेलाइट की मदद से चलने वाली मशीनें काम करती हैं।
कीटनाशकों का छिड़काव भी हाथ से चलने वाली मशीनों के मुकाबले हवाई जहाज से होता है आपके पास भी अगर इन्वेस्ट करने के लिए ठीक-ठाक रकम है और खेती की जमीन खरीदने में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो ऑस्ट्रेलिया अजीत आपका इंतजार कर रहे हैं आइए हम आपको बताते हैं कि आप भारत से ऑस्ट्रेलिया तक का सफर कैसे पूरा कर सकते हैं ऑस्ट्रेलिया भारत से क्षेत्रफल में लगभग ढाई गुना है।
और जनसंख्या भारत के मुकाबले 7:00 फ़ीसदी है आपको बता दें ऑस्ट्रेलिया में लगभग 80 फ़ीसदी खेती योग्य जमीन खाली पड़ी है और खेती करने को किसान कम है ऐसे में ऑस्ट्रेलिया सरकार को चाहती है कि वहां इतनी बड़ी खाली पड़ी जमीन को खेती के लिए इस्तेमाल किया जाए इस कारण सरकार बाकायदा वहां पर विदेशी किसानो को जमीनों की रजिस्ट्री करवा रही है ऑस्ट्रेलियन सरकार विदेशी किसानो को भी अपने नेटवर्क में शामिल कर हर्षवर्धन मैया करा रही है ऑस्ट्रेलियन सरकार की इस पहल को जानकार अब से करीब 7 साल पहले पंजाब से किसानों ने वहां जाना शुरू किया था।
सबसे पहले चंडीगढ़ निवासी तुम ही पिलानी शहर के पास दो करोड़ रूट प्लॉटर गांव की 2 एकड़ भूमि बेची थी इसे बेच कर भला परिवार ने ऑस्ट्रेलिया के किले के इलाके में 400 एकड़ जमीन खरीद कर खेती शुरू कर दी इसके बाद उन्होंने वहां और इन्वेस्ट किया और मौजूदा समय उनके पास ऑस्ट्रेलिया में 12 एकड़ खेती योग्य जमीन है तब से अब तक पंजाब और हरियाणा से तकरीबन 14000 किसानों ने ऑस्ट्रेलिया में जमीन खरीदी है
किसानों ने वहां पर 35000 प्रति एकड़ की दर से भूमि खरीदनी शुरू की थी हालांकि अब वहां भी एग्रीकल्चर लैंड के दामों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन भारत की तुलना में अभी वहां बहुत कम दाम है भारत के किसी भी.
Comments
Post a Comment